पर्यावरण प्रदुषण= प्रकार=भूमि(मृदा), जल,वायु,ध्वनि,महासागरों, जैव विविधता, पारिस्थितिक असंतुलन, केमिकल,विकिरण/रेडियोधर्मी, ऊष्मा प्रदुषण; १-वायु प्र- धूल कण, CO2, CO, SO2, Led सीसा, सिलिका, Floride, NO or NO2, Cloro Fluro Carbon, Methane, Hydrocarbons, cynide, Lead, Cadmium, Copper, Ammonia NH3, मिथिल आइसोसाइनाइड, घरेलु कीटनाशक, धूम्रपान, घरेलु चूल्हा, ग्राउंड लेवल Ozon O3, कारक=फेक्टरी, देल्ली में 71,000/ 2000 Metrik Ton धुआं छोड़ती, प्रभाव=ग्लोबल वार्मिंग, दमा, गुर्दे, सीसे से मस्तिष्क विकास रूकावट, स्वाश रोग, रक्तचाप, कैंसर, ओजोन परत क्षति, असिड वर्षा, जैव विविधता संकट, आंखों, बचाव= electrod चिमनी, उर्जा के वैकल्पिक stroot, सोलर कुक्कर; २-जल प्रदुषण: Lead(Pb), Hg, Cu, Zn, Cd, Acid, Colours, Oils, Bacteria, Less Biomass, Petrolium, घरेलु कचरा/साबुन, Chemicals, Ammonia, Radioactive, Throwing पूजा सामग्री/ अध् जले शव, कारक: फैक्ट्री, घर, बाढ़, ज्वालामुखी, तूफ़ान; प्रभाव-ग्लोबल वार्मिंग, जैव विविधता, पेट बीमारी, जैव विविधता, जल की स्विम शुद्धिकरण क्षमता नाश, समस्त जलिए जिव, कैंसर, प्रजनन, मिनीमाता, लकवा, रोकथाम=फिटकरी, प्लांट, क्लोरिन, प्रदुषण सम्बन्धी कानून=फैक्ट्री एक्ट-1948, बेल्ट एक्ट-1923, रिब्र बोर्ड्स एक्ट 1956, इंडियन Fishries एक्ट-1887, एटॉमिक एनर्जी एक्ट-1962, जल प्रदुषण अधि-1974, वायु प्र अधि-1981, पर्यावरण मुआवजा-1997, ध्वनि प्र अधि-2000, भूमि प्र अधि-1990, 1981; ग्लोबल वार्मिंग:ओजोन छेद, ग्रीन हाउस, गर्मी, साधारण जीव तापमान=16 C, लेकिन 0.75 - 1 - 1.33 Degree बढ़ चुका+ 1-4 D बढ़ने की आशंका, कारण= Air Pollution CO2, CO, CFC, Dust, जल वाष्प, जंगल काटना, जैव विविधता, जल प्रदुषण, सौर विकिरण=ओजोन छेद, प्रभाव: जलवायु परिवर्तन=IPCC Report, जल संकट, समुद्री किनारे डूबेंगे, बिमारी, सुखा, कृषि/खाद्दान संकट, भूमि बंजर, जंगल खतरा, जैव विविधता, समुद्री तूफ़ान, प्रजतियन विलुप्त, जैव विविधता क्या है: १-प्रजतिये विविधता=पेड़, पौधे, जानवर, बक्टेरिया; २-अनुवांशिक विविधता=गोरे/काले, ३-सामुदिक विविध=प्रजातियाँ, जातीं; कारण: प्रदुषण, ग्रीन हाउस, जंगल कटाव, जनसँख्या, कृषि रसायन, सड़क/रेल मार्ग/टनल, पराकरतिक आपदाएं, एक फस्लिये खेती, जैव विविधता संकट: सूक्षम जीव संकट, जातीं लुप्त होना, पानी में दुर्गन्ध, सड़ने की प्रक्रिया बंद, प्रदुषण वृद्धि, बीमारी बढ़ना, भारत की पर्यावरण नीतियाँ: प्राचीन=अशोक ने पेड़, रिशिओं से लाभ, पीपल, तुलसी पूजा, मुग़लों ने लाभ, ब्रिटिश ने नष्ट किया, नितियन/ कानून= अनु 48 A + 51 A (G)=वनों की रक्षा- नागरिकों/सरकार का कर्तव्य, जल प्रदुषण एक्ट=1956, 1974, जल उपकरण/निवारण अधि-1977, पर्यावरण संरक्षण अधि 1986, वायु प्र एक्ट=फैक्ट्री एक्ट 1048, ज्वलनशील अधि-1952, भूमि प्र एक्ट-1948, 1968, 1976, वन्ये जीव कानून: फॉरेस्ट एक्ट 1960, vaild life Protection Act.1972, 1980, 1955, 2002,
MODEL MAKERS IN NOIDA, PROJECT MAKERS IN NOIDA, SCIENCE FAIR MODELS NOIDA, WORKING MODEL AND PROJECTS, SCIENCE FAIR WORKING MODEL MAKERS IN NOIDA DELHI, WORKING MODEL MAKERS IN NOIDA, PHYSICS & CHEMISTRY MODEL MAKERS IN NOIDA, BIOLOGY MODELS, GEOGRAPHY MODEL MAKERS, MATHS MODELS, INDUSTRIAL MODEL MAKERS IN NOIDA, CORPORATE LEVEL 3D MODELS (ARCHITECTURAL MODEL MAKERS IN NOIDA).
Tuesday, June 9, 2009
Monday, June 8, 2009
मानव अधिकार, अनुछेद, मानव अधिकार संगठन, भारतीये संविधान
HUMAN RIGHTS (मानव अधिकार)- प्रकार= १-मूल (fundamental), २-आधारभूत (Basic), 3-अंतर्निहित(Inherent), 4-प्राक्रतिक (Natural), 5-जन्म सिद्ध अधिकार(Birth Rights); अनुछेद- १=एकता/भाईचारा/स्वंत्रता; २-स्वन्त्रताओं, वर्ण, लिंग, भाषा, धर्म, राजनीती, संपत्ति; ३-प्राण/दहीक सुरक्षा /स्वाधीनता, ४-दास/गुलामी/गुलाम व्यापार, ५-क्रूरता/दंड/यंत्रणा/अमानवता, ६-निष्पक्ष सुनवाई/कानूनी समानता, ७-कानून में सब समान/कानून भेदभाव हीनता, ८-अधिकारों का अतिक्रमण/परिवार/निजी जीवन/पारिवारिक सुरक्षा/हस्तक्षेप, ९-मनमानी गिरफ्तारी/विचार/धरम/पूजा, १०-अभिव्यक्ति/कोर्ट सुनवाई/वकील बचाव, ११-आरोप साबित न होते तक निर्दोष-अपने को निर्दोष साबित, १२-घर कुटुंब/एकान्तता/पत्र व्यवहार में हस्तक्षेप नही, १३-राज्य/राज्यों के भीतर निवास + देश छोड़ने और वापस आने का अधिकार, १४-उत्पीडन से विदेश जाने का अधिकार-अपराधी को नही, १५-राष्ट्रीयता का, १६-स्वतंत्र+अंतर्जतिये विवाह/वैवाहिक सुरक्षा, १७-व्यक्तिगत/सामूहिक संपत्ति, १८-धर्म/पूजा/धार्मिक शिक्षा/परिवर्तन, १९-विचार/ अभिव्यक्ति/ भाषण/ संचार, २०-सभा/समिति/संस्था अधिकार/जबरदस्ती नही, २१-सरकार में शामिल/ नौकरी/गुप्त मतदान, २२-सामाजिक सदस्य/सुरक्षा/राष्ट्रिये+अन्तरराष्ट्रिये प्रयसों से आगे बढ़ने, २३-काम/बेरोजगारी के विरूद्व संरक्षण/समान वेतन/ व्यपार /ट्रेड यूनियन, 24-विश्राम/अवकाश/paid leave, २५-जीवन स्टार/भोजन/ वस्त्र/ चकित्सा/मातृत्व/ बाल्य काल/ सुरक्षा २६-शिक्षा/निशुल्क/उच् शिक्षा गुण आधार पर, माता पिता को संतान की शिक्षा चयन, २७- कला/संस्कृति/विज्ञानं स्व निर्मित विज्ञान अधिकार, २८-सामाजिक/ अन्तार्रश्त्रिये व्यस्था हकदार, २९-सामुदिक कर्तवे, स्वन्त्र्ताओं में मर्यादा, प्रजातान्त्रिक/ सामाजिक/ नैतिक/ लोक व्यस्था/ साधारण कल्याण/ स्वन्त्र्ताओं का सकारात्मक प्रयोग, ३०-अधिकारों से विनाश ना हो, 10 Dec. is Human Rights Day मानाने की उद्घोषणा; सिविल & राजनैतिक अधिकार: अनु-३-२१, आर्थिक/सामाजिक अधिकार- २२-२७, मानव अधिकार संगठन (HRC)-सर्वराष्ट्रीय मानव अधिकार (घोषणापत्र)- संयुक्त राष्ट्रसंघ स्थापना + पहली बैठक में मानव अधिकार आयोग स्थापना की गई, आयोग का काम 10 जून 1948 को समाप्त हो गया, 10 दिसंबर 1948 सर्वराष्ट्रीय मानव अधिकार घोषणापत्र संयुक्त राष्ट्र महासभा में निर्विरोध स्वीकारा, संयुक्त राष्ट्र महासभा अपनी घोषणा में कहा कि सभी देशों/राष्ट्रों में मनुष्य/समाज/संस्था के अधिकारों/प्रतिष्ठा का सम्मान समान आधार पर किया जाएगा/मानव अधिकारपत्र ध्यान में रखकर सभी देशों/स्थानों/मनुष्यों के लिए इन अधिकारों की व्यवस्था राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय आधार पर की जाएगी, घोषणापत्र की धाराएँ (ऊपर १-२८ सारी मिलती जुलती
हैं; मानव अधिकार chapters १-पुरे भारत पर लागु-जाती धर्म, लिंग, अन्तर राष्ट्रिये सद्भावना, २-राष्ट्रिये मानव आयोग- संसद, लोकसभा, विधानसभा etc., 3-Function & Powers- जांच शक्ति, अपील सुनना, अनुसंधान, ४-शिकायत जाँच-आगे का क़दम, ५-राज्य के मानव अधिकार- आयोग गठन, आयोग सदस्यता, शर्तें
भारतीये संविधान- स्वतंत्र, प्रभुसत्तासम्पन्न, समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य, संविधान अनुसार शासित, संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर, 1949 को पारित, 26 जनवरी, 1950 से प्रभावी, संक्षिप्त परिचय- भारत का संविधान दुनिया का सबसे बडा लिखित संविधान/395 अनुच्छेद/12 अनुसूचियां, संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था- जिसकी संरचना कुछ अपवादों के अतिरिक्त संघीय है, केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्ट्रपति है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्द्रीय संसद की परिषद् में राष्ट्रपति तथा दो सदन है जिन्हें राज्यों की परिषद् राज्यसभा तथा लोगों का सदन लोकसभा के नाम से जाना जाता है। संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद् होगी जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा, राष्ट्रपति इस मंत्रिपरिषद् की सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद् में विहित है जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है। मंत्रिपरिषद् सामूहिक रूप से लोगों के सदन (लोक सभा) के प्रति उत्तरदायी है। प्रत्येक राज्य में एक विधान सभा है। कुछ राज्यों में एक ऊपरी सदन है जिसे विधान परिषद् , राज्यपाल राज्य का प्रमुख, प्रत्येक राज्य का एक राज्यपाल होगा, राज्य की कार्यकारी शक्ति उसमें विहित होगी। मंत्रिपरिषद्, जिसका प्रमुख मुख्य मंत्री है, राज्यपाल को उसके कार्यकारी कार्यों के निष्पादन में सलाह देती है। राज्य की मंत्रिपरिषद् सामूहिक रूप से राज्य की विधान सभा के प्रति उत्तरदायी है।संविधान की सातवीं अनुसूची में संसद तथा राज्य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष्ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्द्रीय प्रशासित भू- भागों को संघराज्य क्षेत्र कहा जाता,
हैं; मानव अधिकार chapters १-पुरे भारत पर लागु-जाती धर्म, लिंग, अन्तर राष्ट्रिये सद्भावना, २-राष्ट्रिये मानव आयोग- संसद, लोकसभा, विधानसभा etc., 3-Function & Powers- जांच शक्ति, अपील सुनना, अनुसंधान, ४-शिकायत जाँच-आगे का क़दम, ५-राज्य के मानव अधिकार- आयोग गठन, आयोग सदस्यता, शर्तें
भारतीये संविधान- स्वतंत्र, प्रभुसत्तासम्पन्न, समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य, संविधान अनुसार शासित, संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर, 1949 को पारित, 26 जनवरी, 1950 से प्रभावी, संक्षिप्त परिचय- भारत का संविधान दुनिया का सबसे बडा लिखित संविधान/395 अनुच्छेद/12 अनुसूचियां, संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था- जिसकी संरचना कुछ अपवादों के अतिरिक्त संघीय है, केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्ट्रपति है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्द्रीय संसद की परिषद् में राष्ट्रपति तथा दो सदन है जिन्हें राज्यों की परिषद् राज्यसभा तथा लोगों का सदन लोकसभा के नाम से जाना जाता है। संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद् होगी जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा, राष्ट्रपति इस मंत्रिपरिषद् की सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद् में विहित है जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है। मंत्रिपरिषद् सामूहिक रूप से लोगों के सदन (लोक सभा) के प्रति उत्तरदायी है। प्रत्येक राज्य में एक विधान सभा है। कुछ राज्यों में एक ऊपरी सदन है जिसे विधान परिषद् , राज्यपाल राज्य का प्रमुख, प्रत्येक राज्य का एक राज्यपाल होगा, राज्य की कार्यकारी शक्ति उसमें विहित होगी। मंत्रिपरिषद्, जिसका प्रमुख मुख्य मंत्री है, राज्यपाल को उसके कार्यकारी कार्यों के निष्पादन में सलाह देती है। राज्य की मंत्रिपरिषद् सामूहिक रूप से राज्य की विधान सभा के प्रति उत्तरदायी है।संविधान की सातवीं अनुसूची में संसद तथा राज्य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष्ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्द्रीय प्रशासित भू- भागों को संघराज्य क्षेत्र कहा जाता,
जाती लिंग वांशिकता कानून
LESSON-1, सामाजिक असमानता- (जाती/लिंग/वांशिकता/कानून)---- १-जाती-प्राचीन काल में-राजतन्त्र का प्रभाव+ गुलामी के बाद जैसे आर्यों ने ST/ST/OBC बनाये; यह लोकतंत्र विरोधी है, अमानवीय, पूंजीवाद की उपज है, कानून-(अनु ३६-धार्मिक स्वंत्रता, १६-सबको नौकरी, १७-छुआछूत, १४-कानूनी समानता,
१-२=भेदभाव मनाही, ३-४=दास प्रथा, गुलामी, १५=राष्ट्रियेता, १८-१९-२०=विचार/संघ/समूह/बैठक स्वंत्रता, २७=संस्कृति/कला/विज्ञान स्वंत्रता, १५-धर्म,जाती,लिंग,जनम स्थान,आधार पर सार्वजानिक स्थालों स्वंत्रता, २५-२८=अल्पसंख्यकों रक्षा, भारत में वर्ग: उच्च/मध्य/निम्न-आर्थिक रूप, ब्रहमिन/क्षत्रिये/वैश्य/आदिवासी/ अन्य, २-लिंग- biologically=स्त्री/पुल्लिंग/नापुत्सक(x/y chromosome); psychologically=पित्रसत्ता(Pater/Patris=पिता+arche=शासन) पिता का शासन, स्त्री का दमन/शोषण/दासता/ नियंत्रण, पित्रपराम्पारा(patrilineality)=उत्तराधिकार, पित्रसंस्थिति(Patrilocality)=भागौगालिक/सांस्कृतिक नियंत्रण/अधिपत्य पिता द्वारा, grammatically= पुल्लिंग/स्त्रीलिंग-अरस्तु अनुसार-जैसे कुर्सी मेज़ आदि; Logacally=समानता, सामाजिक लिंग आयाम= सांस्कृतिक, क्रिया कलाप, राजनैतिक, आरक्षण, मीडिया, भेदभाव, घूँघट/सती/दहेज़/घेरेलु हिंसा/अशिक्षा/ भ्रूण हत्या/कार्यालय शोषण/बलात्कार, ३-वन्शिकता- इंडो आर्यन पुरुषों द्वारा द्रविड़ लड़किओं से विवाह= अनुलोम/प्रतिलोम विवाह, ४-कानून-अनु 15= लैंग,धरम,जाती,जन्मस्थान समानता, लिंग निर्धारण अधिनियम 1975 - रोज़गार/शिक्षा/संस्था/सुविधाओं में लिंग समानता, अधि २००४= 18 वर्ष से ऊपर लैंगिक/विवाह अधिकार+उपार्जित बच्चे(लिंग) को जन्म प्रमाण पत्र, अधि-२००३= शिक्षा संस्थाओं/व्यवसायीक प्रशक्षण समानता,
१-२=भेदभाव मनाही, ३-४=दास प्रथा, गुलामी, १५=राष्ट्रियेता, १८-१९-२०=विचार/संघ/समूह/बैठक स्वंत्रता, २७=संस्कृति/कला/विज्ञान स्वंत्रता, १५-धर्म,जाती,लिंग,जनम स्थान,आधार पर सार्वजानिक स्थालों स्वंत्रता, २५-२८=अल्पसंख्यकों रक्षा, भारत में वर्ग: उच्च/मध्य/निम्न-आर्थिक रूप, ब्रहमिन/क्षत्रिये/वैश्य/आदिवासी/ अन्य, २-लिंग- biologically=स्त्री/पुल्लिंग/नापुत्सक(x/y chromosome); psychologically=पित्रसत्ता(Pater/Patris=पिता+arche=शासन) पिता का शासन, स्त्री का दमन/शोषण/दासता/ नियंत्रण, पित्रपराम्पारा(patrilineality)=उत्तराधिकार, पित्रसंस्थिति(Patrilocality)=भागौगालिक/सांस्कृतिक नियंत्रण/अधिपत्य पिता द्वारा, grammatically= पुल्लिंग/स्त्रीलिंग-अरस्तु अनुसार-जैसे कुर्सी मेज़ आदि; Logacally=समानता, सामाजिक लिंग आयाम= सांस्कृतिक, क्रिया कलाप, राजनैतिक, आरक्षण, मीडिया, भेदभाव, घूँघट/सती/दहेज़/घेरेलु हिंसा/अशिक्षा/ भ्रूण हत्या/कार्यालय शोषण/बलात्कार, ३-वन्शिकता- इंडो आर्यन पुरुषों द्वारा द्रविड़ लड़किओं से विवाह= अनुलोम/प्रतिलोम विवाह, ४-कानून-अनु 15= लैंग,धरम,जाती,जन्मस्थान समानता, लिंग निर्धारण अधिनियम 1975 - रोज़गार/शिक्षा/संस्था/सुविधाओं में लिंग समानता, अधि २००४= 18 वर्ष से ऊपर लैंगिक/विवाह अधिकार+उपार्जित बच्चे(लिंग) को जन्म प्रमाण पत्र, अधि-२००३= शिक्षा संस्थाओं/व्यवसायीक प्रशक्षण समानता,
Friday, June 5, 2009
ग्लोबलाइजेशन, सतत विकास
Globalisation- प्रवाह=पूंजी/श्रम/शिक्षा/कला/साहित्य/तकनीक/सुरक्षा+हथियारों/संस्कृति/काचा माल/खाधानो/मशीनरी/निवेश/रोज़गार,उद्योग/BPP/KPO; इतिहास: जब से इंसान आया, alaxzender(सिकंदर) के भारत आक्रमण फायदे हुए, सिक्के ढलने/तकनिकी/शास्त्र ज्ञान बढ़ा, ईस्ट इंडिया कंपनी; दास श्रमिक; संस्थ्यें: World Trade Organisation=नियंत्रण, न्यू GTAT, NAFTA, प्रभाव-१-औधोगिक-माल,२-वित्तिये, ३-आर्थिक, ४-राजनैतिक-रिश्ते सुधार, ५-सुचना-fiber optics, उपग्रह, इन्टरनेट, टेलीफोन, ६-प्रतियोगिता=से गुणवत्ता बढती है, ६-पर्यावरण-सुधार सम्भव, ७-सांस्कृतिक-सामाजिक, नकारात्मक प्रभाव- child/women labour, प्रताडित, गली, धमकी, मास्क्सवाद, बेरोज़गारी, लक्ष्य पूर्ति में समय, सांस्कृतिक हानी, देसी लघु उद्योग नुक्सान, बैंकों का निजीकरण-ब्याज दर में नुक्सान,सकल घरेलु उत्पाद(जीडीपी) में गिरावट, नियम थोपना; सकारात्मक प्रभाव: ऊपर लिखे हैं, सफल बनाने हेतु सुझाव-आन्दोलन, अन्तर राष्ट्रिये प्रयत्न/प्रशासन, श्रम कानूनों के सख्ती, कंपनी शोषण करे तो सामूहिक बहिष्कार- इन्टरनेट/website द्वारा companies को Blacklist करना; किसानों मजदूरों पर प्रभाव- १.चकाचौंध के कारण ग्रामीण युवा शहर की और, २-फक्ट्रिओं का खेती की आस पास लगना, ज़मीनों के बहुत ऊँचे दाम मिल जाते हैं, उन्नत तकनीक का ज्ञान होता, फसल निर्यात से लाभ, हस्तशिल्प/ग्रामीण कला/कशीदाकारी वस्त्र/चित्रकला-ऊँचे दामों में बिक्री; उदारीकरण=स्वस्थ नीतियाँ, सख्त नियंत्रण, सबको लाभ, सरकारी दीख रेख में;
(UNIT-1) सतत विकास का उदय- 1-1960 से विकसित, 2-१९६२-राकल कार्सन 'the silent spring'=DDT पक्षी, 3-1968 में biologist-पाल इहरलीच- 'पोपुलेशन बम', जनसँख्या पर प्रकाश, 4-1969 में NGO= friends of the Earth पर्यावरण हेतु लोगों में जोश, 5-1971 में OECD-आर्थिक सहयोग तथा विकार संगठन=प्रदूषक खर्चा दे, प्रदूषक देशों को कीमत देनी चाहिए, 6-1972 - massachusetts institue of tech.= युवा वैज्ञानिकों क्लब= Limits to Growth - हलचल मच गई; 7.19७2 स्वीडेन राजधानी(स्टोकहोम) सयुक्त राष्ट्र समेल्लन= गंभीरता से हुआ, तो UNEP=Unitd Nations Environ.Prog. का गठन, 8-सतत विकास अवधारणा- 1987 bratland आयोग रिपोर्ट = our common future से हुआ, 9. 1992= USSR में ब्राजील की राजधानी रियो de ज्निरो में पृथ्वी शिखर सम्मलेन हुआ= 182 देश 20,000 से अधिक प्रतिनिधिओं, १०-२००२ में जोहान्सबर्ग में सतत- विश्व समेल्लन, ११-२००५-कनाडा - जलवायु परिवर्तन समेलन, १२.२००६ में न्यूयार्क में वन विकास समेल्लन/२००७ Dec.- इंडोनेशिया के बलि द्वीप में जल्यायु परिवर्तन समेल्लन; सतत विकास परिभाषा/अर्थ: १.जो हमेशा रहे, २.प्राकृतिक संसाधनों का सही संतुलन, ३.प्राकृतिक भण्डार बनाये रखना, ४-अंतरराष्ट्रिये सहयोग; बरोट्लंड आयोग रिपोर्ट :१-पारिस्थितिक संतुलन, २-सिमित संसाधनों को नष्ट किए बिना उन्नति, ३.सतत विकास तथा सामाजिक और पर्यावरण विकास भी हो, कचरा प्रबंधन, सतत विकास के उदेशेये: दूरगामी उदेशेये हैं, १.natural संसाधनों दुरूपयोग बचाव; २-वैज्ञानिक तकनीक, ३-स्थानिये समुदायों को इसमे शामिल करना, ४-संस्थाओं का विकेंद्रीकरण और पारदर्शिता, ५-international संस्थाओं की स्थापना=जिससे निर्धन को नुक्सान पहुंचाए बिना तरक्की, ६-लोगों का जीवन स्टार उठाना, ७-विश्व शान्ति बनाना जिससे की-पर्यावरण में सुधार; ८।जैव सम्पदा को ख़तम होने से बचाना; सतत विकास के निर्देशक सिद्धांत- guiding principles of sustainable devp.: 1.ग्रहण क्षमता की अवधारणा(Concept of Carring Capacity); 1993-अमेरिकी वैज्ञानिक एल्डो लिओपोल्ड ने- अधिक चरने से चारागाह जमीन/कीटनाशकों प्रयोग से फसल/मिटटी नुकसान, प्रदुषण/जनसँख्या/वन विनाश/शहरीकरण; २.अन्तरपीढीय समानता तथा न्याय- वर्तमान पीढी इतना उपयोग ना करें की आने वाली पीढीओं के लिए, जैसे- लकड़ी,पानी,कोयला,पेट्रोल, प्राक्रतिक गैस; वरना गरीबी/त्राहि बढेगी; ३-लैंगिक असमानता (gender Inequality)- महिलाएं प्रक्रति के नज़दीक-चिपको,एपिको,नर्मदा; ४-सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता- स्थानीय लोग संरक्षक हैं- बहार के लोग संसाधनों का दोहन/शोषण करते- जैसे हिमालय में चिपको; 5-सतत विकास अन्तर राष्ट्रिये प्रयास- A.स्टाकहोम सम्मलेन- 1972/sweeden-stockholm/सबसे पहिला international प्रयास, मुद्दे= प्रदुषण, रसैनिक कचरा, अंतराष्ट्रिये सहयोग, घोषणापत्र जारी उनेप गठन; B. पर्यावरण/विकास विश्व आयोग स्थापना- १९८३ सयुंक्तराष्ट्र महासभा-नर्वे प्रधानमंत्री(GroHarlem Brundtland), report=our common future(1987)=सतत विकास; 5. रियो घोषणापत्र=३ जून 1992- ब्राजील राजध- रियो डी जेनीरो- पृथ्वी सम्मेलन(अब तक का सबसे बड़ा)-182 देश+20,000 से अधिक प्रतिनिधियों, मुद्दा=पर्यावरण/विकास, आम आदमी जरुरी; 6. जलवायु परिवर्तन पर रूपरेखा- रियो समेल्लन में 162 देशों हस्ताक्षर- ग्रीन हाउस प्रभाव/ग्लोबल warming/औधोगिक देश Co2 सन २००० तक 1990 स्तर पर लाओ, pradushanउदेश्ये= अन्तरराष्ट्रिये ढांचा बनाना+वन संरक्षण+जानकारी प्रकाशित करो+सुखा /बाढ़ को रहत दो; 7-रियो में जैव विविधता समझौता(5 Jun1992)- जनसँख्या=खतरा, जिव संरक्षण, लुप्त होती प्रजातियों-रक्षा+सकत कानून+वित्तिये सहायता+शिक्षा+वैज्ञानिक शोध, विकशित देश विकासशील देशों को मदद; वन संरक्षण सिधांत-=रियो सम्मलेन में एक समझौता-वन/वन्ये जीव संरक्षण, १-राष्ट्रों को वृक्षारोपण+आने वाली generations ध्यान+ वन संरक्षण; 8. रियो घोषणा=२७ सिधांत=१-मानव सतत विक का केन्द्र २-हर राष्ट्र पर्यावरण नीतियाँ बने, ३-भावी पीढियों रक्षा, ४-पर्यावरण संरक्षण, ५-निर्धनता दूर, ६-वैज्ञानिक खोज, ७-ज्ञान और तकनीक आपस में बांटें, 8-कार्यसूचि(agenda) 21-------- a.अन्तरराष्ट्रिये सहयोग, b.अन्तरराष्ट्रिये नियम, c.विकासशील देशों को तकनिकी सहायता, d.अन्तरराष्ट्रिये संधियाँ करना, e.NGO+आम जनता आगे आए, f.सबका ध्यान रखें; 9.जोहानसबर्ग सम्मेलन-२००२ में सयुंक्त राष्ट्र में, सतत विकास पर पुनः जाँच+२ मुख्य दस्तावेज़ (१.जोहनास्बुर्ग घोषणापत्र+२.सतत विकास विश्व क्रियान्वयन योजना) घोषणापत्र=१.रियो एजेंडा २१ को लागु करना, २.गरीबी,बूख, कुपोषण, सैनिक संघर्ष, पर काबू पाना, ३.स्थानिये लोगो प्रक्रति संरक्षण, ४.NGO/आम आदमी सहयोग; कुछ पैमाने =१.सुशासन,२.गरीबी उन्मूलन, ३.विश्व शान्ति/मानग अधिकार, ४.नैतिक मूल्यों पर ज़ोर, ५.स्वस्थ उत्पादन, ६.प्राकृतिक संरक्षण, 10-क्योटो प्रोटोकोल(11-Dec.1997)- जापान के क्योटो शहर, बढ़ते तापमान पर सयुंक्त राष्ट्र द्वारा 1992 में Framework Convention on Climate Change (UNFCCC)गठन, ग्लोबल वार्मिंग/ग्रीन ह गसों कम करने हेतु अन्तरराष्ट्रिये समझौते वार्ता, 55 देशों हस्ताक्षर,
बाली सम्मेलन- सयुंक्त राष्ट्र नेत्रित्व में इंडोनेशिया-बलि द्वीप में 3-14 Dec.2007 जलवायु परिवर्तन सम्मलेन, भारत के प्रोधोगिकी मंत्री कपिल सिब्बल, विश्व से 190 देश + 10,000 प्रतिनिधि/ सामाजिक कर्येकर्ता, कीनिया पर्यावरण मंत्री किवुथा किबवाना=अध्यक्ष, ग्लोबल वार्मिंग, पर्यावरण, ग्रीन हाउस गसों, 2009 तक समय सीमा तय, मुख्य मुद्दे: 1-विकरालता को समझा+रोअद्माप तयार किया 2-समझौता तैयार किया जाएगा 1997 के क्योटो प्रोटोकॉल की जगह 3-२०१३ से हानिकारक गसों उत्सर्जन पर रोक, ४-विकासशील देशों को उर्जा खपत कम करने, उन्नत तकनीक प्रयोग, भारत ने commitment (वादा) नही किया, अमेरिका ने roadmap स्वीकार पर समझौता नही किया, बलि सम्मलेन अवधि: 2012 कार्यकाल समाप्त, अगली बैठक=2009 में डेनमार्क के कोपनेहेगें में,
सतत विकास के समक्ष चुनौतियाँ- १-बिना विकास रोके सुधार, २-गरीब देशों को क्या आमिर देशों से मदद मिलेगी,
(UNIT-1) सतत विकास का उदय- 1-1960 से विकसित, 2-१९६२-राकल कार्सन 'the silent spring'=DDT पक्षी, 3-1968 में biologist-पाल इहरलीच- 'पोपुलेशन बम', जनसँख्या पर प्रकाश, 4-1969 में NGO= friends of the Earth पर्यावरण हेतु लोगों में जोश, 5-1971 में OECD-आर्थिक सहयोग तथा विकार संगठन=प्रदूषक खर्चा दे, प्रदूषक देशों को कीमत देनी चाहिए, 6-1972 - massachusetts institue of tech.= युवा वैज्ञानिकों क्लब= Limits to Growth - हलचल मच गई; 7.19७2 स्वीडेन राजधानी(स्टोकहोम) सयुक्त राष्ट्र समेल्लन= गंभीरता से हुआ, तो UNEP=Unitd Nations Environ.Prog. का गठन, 8-सतत विकास अवधारणा- 1987 bratland आयोग रिपोर्ट = our common future से हुआ, 9. 1992= USSR में ब्राजील की राजधानी रियो de ज्निरो में पृथ्वी शिखर सम्मलेन हुआ= 182 देश 20,000 से अधिक प्रतिनिधिओं, १०-२००२ में जोहान्सबर्ग में सतत- विश्व समेल्लन, ११-२००५-कनाडा - जलवायु परिवर्तन समेलन, १२.२००६ में न्यूयार्क में वन विकास समेल्लन/२००७ Dec.- इंडोनेशिया के बलि द्वीप में जल्यायु परिवर्तन समेल्लन; सतत विकास परिभाषा/अर्थ: १.जो हमेशा रहे, २.प्राकृतिक संसाधनों का सही संतुलन, ३.प्राकृतिक भण्डार बनाये रखना, ४-अंतरराष्ट्रिये सहयोग; बरोट्लंड आयोग रिपोर्ट :१-पारिस्थितिक संतुलन, २-सिमित संसाधनों को नष्ट किए बिना उन्नति, ३.सतत विकास तथा सामाजिक और पर्यावरण विकास भी हो, कचरा प्रबंधन, सतत विकास के उदेशेये: दूरगामी उदेशेये हैं, १.natural संसाधनों दुरूपयोग बचाव; २-वैज्ञानिक तकनीक, ३-स्थानिये समुदायों को इसमे शामिल करना, ४-संस्थाओं का विकेंद्रीकरण और पारदर्शिता, ५-international संस्थाओं की स्थापना=जिससे निर्धन को नुक्सान पहुंचाए बिना तरक्की, ६-लोगों का जीवन स्टार उठाना, ७-विश्व शान्ति बनाना जिससे की-पर्यावरण में सुधार; ८।जैव सम्पदा को ख़तम होने से बचाना; सतत विकास के निर्देशक सिद्धांत- guiding principles of sustainable devp.: 1.ग्रहण क्षमता की अवधारणा(Concept of Carring Capacity); 1993-अमेरिकी वैज्ञानिक एल्डो लिओपोल्ड ने- अधिक चरने से चारागाह जमीन/कीटनाशकों प्रयोग से फसल/मिटटी नुकसान, प्रदुषण/जनसँख्या/वन विनाश/शहरीकरण; २.अन्तरपीढीय समानता तथा न्याय- वर्तमान पीढी इतना उपयोग ना करें की आने वाली पीढीओं के लिए, जैसे- लकड़ी,पानी,कोयला,पेट्रोल, प्राक्रतिक गैस; वरना गरीबी/त्राहि बढेगी; ३-लैंगिक असमानता (gender Inequality)- महिलाएं प्रक्रति के नज़दीक-चिपको,एपिको,नर्मदा; ४-सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता- स्थानीय लोग संरक्षक हैं- बहार के लोग संसाधनों का दोहन/शोषण करते- जैसे हिमालय में चिपको; 5-सतत विकास अन्तर राष्ट्रिये प्रयास- A.स्टाकहोम सम्मलेन- 1972/sweeden-stockholm/सबसे पहिला international प्रयास, मुद्दे= प्रदुषण, रसैनिक कचरा, अंतराष्ट्रिये सहयोग, घोषणापत्र जारी उनेप गठन; B. पर्यावरण/विकास विश्व आयोग स्थापना- १९८३ सयुंक्तराष्ट्र महासभा-नर्वे प्रधानमंत्री(GroHarlem Brundtland), report=our common future(1987)=सतत विकास; 5. रियो घोषणापत्र=३ जून 1992- ब्राजील राजध- रियो डी जेनीरो- पृथ्वी सम्मेलन(अब तक का सबसे बड़ा)-182 देश+20,000 से अधिक प्रतिनिधियों, मुद्दा=पर्यावरण/विकास, आम आदमी जरुरी; 6. जलवायु परिवर्तन पर रूपरेखा- रियो समेल्लन में 162 देशों हस्ताक्षर- ग्रीन हाउस प्रभाव/ग्लोबल warming/औधोगिक देश Co2 सन २००० तक 1990 स्तर पर लाओ, pradushanउदेश्ये= अन्तरराष्ट्रिये ढांचा बनाना+वन संरक्षण+जानकारी प्रकाशित करो+सुखा /बाढ़ को रहत दो; 7-रियो में जैव विविधता समझौता(5 Jun1992)- जनसँख्या=खतरा, जिव संरक्षण, लुप्त होती प्रजातियों-रक्षा+सकत कानून+वित्तिये सहायता+शिक्षा+वैज्ञानिक शोध, विकशित देश विकासशील देशों को मदद; वन संरक्षण सिधांत-=रियो सम्मलेन में एक समझौता-वन/वन्ये जीव संरक्षण, १-राष्ट्रों को वृक्षारोपण+आने वाली generations ध्यान+ वन संरक्षण; 8. रियो घोषणा=२७ सिधांत=१-मानव सतत विक का केन्द्र २-हर राष्ट्र पर्यावरण नीतियाँ बने, ३-भावी पीढियों रक्षा, ४-पर्यावरण संरक्षण, ५-निर्धनता दूर, ६-वैज्ञानिक खोज, ७-ज्ञान और तकनीक आपस में बांटें, 8-कार्यसूचि(agenda) 21-------- a.अन्तरराष्ट्रिये सहयोग, b.अन्तरराष्ट्रिये नियम, c.विकासशील देशों को तकनिकी सहायता, d.अन्तरराष्ट्रिये संधियाँ करना, e.NGO+आम जनता आगे आए, f.सबका ध्यान रखें; 9.जोहानसबर्ग सम्मेलन-२००२ में सयुंक्त राष्ट्र में, सतत विकास पर पुनः जाँच+२ मुख्य दस्तावेज़ (१.जोहनास्बुर्ग घोषणापत्र+२.सतत विकास विश्व क्रियान्वयन योजना) घोषणापत्र=१.रियो एजेंडा २१ को लागु करना, २.गरीबी,बूख, कुपोषण, सैनिक संघर्ष, पर काबू पाना, ३.स्थानिये लोगो प्रक्रति संरक्षण, ४.NGO/आम आदमी सहयोग; कुछ पैमाने =१.सुशासन,२.गरीबी उन्मूलन, ३.विश्व शान्ति/मानग अधिकार, ४.नैतिक मूल्यों पर ज़ोर, ५.स्वस्थ उत्पादन, ६.प्राकृतिक संरक्षण, 10-क्योटो प्रोटोकोल(11-Dec.1997)- जापान के क्योटो शहर, बढ़ते तापमान पर सयुंक्त राष्ट्र द्वारा 1992 में Framework Convention on Climate Change (UNFCCC)गठन, ग्लोबल वार्मिंग/ग्रीन ह गसों कम करने हेतु अन्तरराष्ट्रिये समझौते वार्ता, 55 देशों हस्ताक्षर,
बाली सम्मेलन- सयुंक्त राष्ट्र नेत्रित्व में इंडोनेशिया-बलि द्वीप में 3-14 Dec.2007 जलवायु परिवर्तन सम्मलेन, भारत के प्रोधोगिकी मंत्री कपिल सिब्बल, विश्व से 190 देश + 10,000 प्रतिनिधि/ सामाजिक कर्येकर्ता, कीनिया पर्यावरण मंत्री किवुथा किबवाना=अध्यक्ष, ग्लोबल वार्मिंग, पर्यावरण, ग्रीन हाउस गसों, 2009 तक समय सीमा तय, मुख्य मुद्दे: 1-विकरालता को समझा+रोअद्माप तयार किया 2-समझौता तैयार किया जाएगा 1997 के क्योटो प्रोटोकॉल की जगह 3-२०१३ से हानिकारक गसों उत्सर्जन पर रोक, ४-विकासशील देशों को उर्जा खपत कम करने, उन्नत तकनीक प्रयोग, भारत ने commitment (वादा) नही किया, अमेरिका ने roadmap स्वीकार पर समझौता नही किया, बलि सम्मलेन अवधि: 2012 कार्यकाल समाप्त, अगली बैठक=2009 में डेनमार्क के कोपनेहेगें में,
सतत विकास के समक्ष चुनौतियाँ- १-बिना विकास रोके सुधार, २-गरीब देशों को क्या आमिर देशों से मदद मिलेगी,
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