Tuesday, June 9, 2009

प्रदुषण ग्लोबल वार्मिंग, जैव विविधता

पर्यावरण प्रदुषण= प्रकार=भूमि(मृदा), जल,वायु,ध्वनि,महासागरों, जैव विविधता, पारिस्थितिक असंतुलन, केमिकल,विकिरण/रेडियोधर्मी, ऊष्मा प्रदुषण; १-वायु प्- धूल कण, CO2, CO, SO2, Led सीसा, सिलिका, Floride, NO or NO2, Cloro Fluro Carbon, Methane, Hydrocarbons, cynide, Lead, Cadmium, Copper, Ammonia NH3, मिथिल आइसोसाइनाइड, घरेलु कीटनाशक, धूम्रपान, घरेलु चूल्हा, ग्राउंड लेवल Ozon O3, कारक=फेक्टरी, देल्ली में 71,000/ 2000 Metrik Ton धुआं छोड़ती, प्रभाव=ग्लोबल वार्मिंग, दमा, गुर्दे, सीसे से मस्तिष्क विकास रूकावट, स्वाश रोग, रक्तचाप, कैंसर, ओजोन परत क्षति, असिड वर्षा, जैव विविधता संकट, आंखों, बचाव= electrod चिमनी, उर्जा के वैकल्पिक stroot, सोलर कुक्कर; २-जल प्रदुषण: Lead(Pb), Hg, Cu, Zn, Cd, Acid, Colours, Oils, Bacteria, Less Biomass, Petrolium, घरेलु कचरा/साबुन, Chemicals, Ammonia, Radioactive, Throwing पूजा सामग्री/ अध् जले शव, कारक: फैक्ट्री, घर, बाढ़, ज्वालामुखी, तूफ़ान; प्रभाव-ग्लोबल वार्मिंग, जैव विविधता, पेट बीमारी, जैव विविधता, जल की स्विम शुद्धिकरण क्षमता नाश, समस्त जलिए जिव, कैंसर, प्रजनन, मिनीमाता, लकवा, रोकथाम=फिटकरी, प्लांट, क्लोरिन, प्रदुषण सम्बन्धी कानून=फैक्ट्री एक्ट-1948, बेल्ट एक्ट-1923, रिब्र बोर्ड्स एक्ट 1956, इंडियन Fishries एक्ट-1887, एटॉमिक एनर्जी एक्ट-1962, जल प्रदुषण अधि-1974, वायु प्र अधि-1981, पर्यावरण मुआवजा-1997, ध्वनि प्र अधि-2000, भूमि प्र अधि-1990, 1981; ग्लोबल वार्मिंग:ओजोन छेद, ग्रीन हाउस, गर्मी, साधारण जीव तापमान=16 C, लेकिन 0.75 - 1 - 1.33 Degree बढ़ चुका+ 1-4 D बढ़ने की आशंका, कारण= Air Pollution CO2, CO, CFC, Dust, जल वाष्प, जंगल काटना, जैव विविधता, जल प्रदुषण, सौर विकिरण=ओजोन छेद, प्रभाव: जलवायु परिवर्तन=IPCC Report, जल संकट, समुद्री किनारे डूबेंगे, बिमारी, सुखा, कृषि/खाद्दान संकट, भूमि बंजर, जंगल खतरा, जैव विविधता, समुद्री तूफ़ान, प्रजतियन विलुप्त, जैव विविधता क्या है: १-प्रजतिये विविधता=पेड़, पौधे, जानवर, बक्टेरिया; २-अनुवांशिक विविधता=गोरे/काले, ३-सामुदिक विविध=प्रजातियाँ, जातीं; कारण: प्रदुषण, ग्रीन हाउस, जंगल कटाव, जनसँख्या, कृषि रसायन, सड़क/रेल मार्ग/टनल, पराकरतिक आपदाएं, एक फस्लिये खेती, जैव विविधता संकट: सूक्षम जीव संकट, जातीं लुप्त होना, पानी में दुर्गन्ध, सड़ने की प्रक्रिया बंद, प्रदुषण वृद्धि, बीमारी बढ़ना, भारत की पर्यावरण नीतियाँ: प्राचीन=अशोक ने पेड़, रिशिओं से लाभ, पीपल, तुलसी पूजा, मुग़लों ने लाभ, ब्रिटिश ने नष्ट किया, नितियन/ कानून= अनु 48 A + 51 A (G)=वनों की रक्षा- नागरिकों/सरकार का कर्तव्य, जल प्रदुषण एक्ट=1956, 1974, जल उपकरण/निवारण अधि-1977, पर्यावरण संरक्षण अधि 1986, वायु प्र एक्ट=फैक्ट्री एक्ट 1048, ज्वलनशील अधि-1952, भूमि प्र एक्ट-1948, 1968, 1976, वन्ये जीव कानून: फॉरेस्ट एक्ट 1960, vaild life Protection Act.1972, 1980, 1955, 2002,

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