Monday, June 8, 2009

मानव अधिकार, अनुछेद, मानव अधिकार संगठन, भारतीये संविधान

HUMAN RIGHTS (मानव अधिकार)- प्रकार= १-मूल (fundamental), २-आधारभूत (Basic), 3-अंतर्निहित(Inherent), 4-प्राक्रतिक (Natural), 5-जन्म सिद्ध अधिकार(Birth Rights); अनुछेद- १=एकता/भाईचारा/स्वंत्रता; २-स्वन्त्रताओं, वर्ण, लिंग, भाषा, धर्म, राजनीती, संपत्ति; ३-प्राण/दहीक सुरक्षा /स्वाधीनता, ४-दास/गुलामी/गुलाम व्यापार, ५-क्रूरता/दंड/यंत्रणा/अमानवता, ६-निष्पक्ष सुनवाई/कानूनी समानता, ७-कानून में सब समान/कानून भेदभाव हीनता, ८-अधिकारों का अतिक्रमण/परिवार/निजी जीवन/पारिवारिक सुरक्षा/हस्तक्षेप, ९-मनमानी गिरफ्तारी/विचार/धरम/पूजा, १०-अभिव्यक्ति/कोर्ट सुनवाई/वकील बचाव, ११-आरोप साबित न होते तक निर्दोष-अपने को निर्दोष साबित, १२-घर कुटुंब/एकान्तता/पत्र व्यवहार में हस्तक्षेप नही, १३-राज्य/राज्यों के भीतर निवास + देश छोड़ने और वापस आने का अधिकार, १४-उत्पीडन से विदेश जाने का अधिकार-अपराधी को नही, १५-राष्ट्रीयता का, १६-स्वतंत्र+अंतर्जतिये विवाह/वैवाहिक सुरक्षा, १७-व्यक्तिगत/सामूहिक संपत्ति, १८-धर्म/पूजा/धार्मिक शिक्षा/परिवर्तन, १९-विचार/ अभिव्यक्ति/ भाषण/ संचार, २०-सभा/समिति/संस्था अधिकार/जबरदस्ती नही, २१-सरकार में शामिल/ नौकरी/गुप्त मतदान, २२-सामाजिक सदस्य/सुरक्षा/राष्ट्रिये+अन्तरराष्ट्रिये प्रयसों से आगे बढ़ने, २३-काम/बेरोजगारी के विरूद्व संरक्षण/समान वेतन/ व्यपार /ट्रेड यूनियन, 24-विश्राम/अवकाश/paid leave, २५-जीवन स्टार/भोजन/ वस्त्र/ चकित्सा/मातृत्व/ बाल्य काल/ सुरक्षा २६-शिक्षा/निशुल्क/उच् शिक्षा गुण आधार पर, माता पिता को संतान की शिक्षा चयन, २७- कला/संस्कृति/विज्ञानं स्व निर्मित विज्ञान अधिकार, २८-सामाजिक/ अन्तार्रश्त्रिये व्यस्था हकदार, २९-सामुदिक कर्तवे, स्वन्त्र्ताओं में मर्यादा, प्रजातान्त्रिक/ सामाजिक/ नैतिक/ लोक व्यस्था/ साधारण कल्याण/ स्वन्त्र्ताओं का सकारात्मक प्रयोग, ३०-अधिकारों से विनाश ना हो, 10 Dec. is Human Rights Day मानाने की उद्घोषणा; सिविल & राजनैतिक अधिकार: अनु-३-२१, आर्थिक/सामाजिक अधिकार- २२-२७, मानव अधिकार संगठन (HRC)-सर्वराष्ट्रीय मानव अधिकार (घोषणापत्र)- संयुक्त राष्ट्रसंघ स्थापना + पहली बैठक में मानव अधिकार आयोग स्थापना की गई, आयोग का काम 10 जून 1948 को समाप्त हो गया, 10 दिसंबर 1948 सर्वराष्ट्रीय मानव अधिकार घोषणापत्र संयुक्त राष्ट्र महासभा में निर्विरोध स्वीकारा, संयुक्त राष्ट्र महासभा अपनी घोषणा में कहा कि सभी देशों/राष्ट्रों में मनुष्य/समाज/संस्था के अधिकारों/प्रतिष्ठा का सम्मान समान आधार पर किया जाएगा/मानव अधिकारपत्र ध्यान में रखकर सभी देशों/स्थानों/मनुष्यों के लिए इन अधिकारों की व्यवस्था राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय आधार पर की जाएगी, घोषणापत्र की धाराएँ (ऊपर १-२८ सारी मिलती जुलती
हैं; मानव अधिकार chapters १-पुरे भारत पर लागु-जाती धर्म, लिंग, अन्तर राष्ट्रिये सद्भावना, २-राष्ट्रिये मानव आयोग- संसद, लोकसभा, विधानसभा etc., 3-Function & Powers- जांच शक्ति, अपील सुनना, अनुसंधान, -शिकायत जाँच-आगे का क़दम, ५-राज्य के मानव अधिकार- आयोग गठन, आयोग सदस्यता, शर्तें


भारतीये संविधान- स्वतंत्र, प्रभुसत्तासम्पन्न, समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य, संविधान अनुसार शासित, संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर, 1949 को पारित, 26 जनवरी, 1950 से प्रभावी, संक्षिप्त परिचय- भारत का संविधान दुनिया का सबसे बडा लिखित संविधान/395 अनुच्छेद/12 अनुसूचियां, संविधान में सरकार के संसदीय स्‍वरूप की व्‍यवस्‍था- जिसकी संरचना कुछ अपवादों के अतिरिक्त संघीय है, केन्‍द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्‍ट्रपति है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्‍द्रीय संसद की परिषद् में राष्‍ट्रपति तथा दो सदन है जिन्‍हें राज्‍यों की परिषद् राज्‍यसभा तथा लोगों का सदन लोकसभा के नाम से जाना जाता है। संविधान की धारा 74 (1) में यह व्‍यवस्‍था की गई है कि राष्‍ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद् होगी जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा, राष्‍ट्रपति इस मंत्रिपरिषद् की सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्‍पादन करेगा। इस प्रकार वास्‍तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद् में विहित है जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है। मंत्रिपरिषद् सामूहिक रूप से लोगों के सदन (लोक सभा) के प्रति उत्तरदायी है। प्रत्‍येक राज्‍य में एक विधान सभा है। कुछ राज्‍यों में एक ऊपरी सदन है जिसे विधान परिषद् , राज्‍यपाल राज्‍य का प्रमुख, प्रत्‍येक राज्‍य का एक राज्‍यपाल होगा, राज्‍य की कार्यकारी शक्ति उसमें विहित होगी। मंत्रिपरिषद्, जिसका प्रमुख मुख्‍य मंत्री है, राज्‍यपाल को उसके कार्यकारी कार्यों के निष्‍पादन में सलाह देती है। राज्‍य की मंत्रिपरिषद् सामूहिक रूप से राज्‍य की विधान सभा के प्रति उत्तरदायी है।संविधान की सातवीं अनुसूची में संसद तथा राज्‍य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष्‍ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्‍द्रीय प्रशासित भू- भागों को संघराज्‍य क्षेत्र कहा जाता,

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